Facts About Shodashi Revealed

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The Matrikas, or the letters on the Sanskrit alphabet, are regarded as the delicate sort of the Goddess, with Each and every letter Keeping divine electricity. When chanted, these letters Incorporate to kind the Mantra, developing a spiritual resonance that aligns the devotee with the cosmic Power of Tripura Sundari.

The Navratri Puja, for instance, consists of starting a sacred Place and doing rituals that honor the divine feminine, which has a deal with meticulousness and devotion that may be thought to bring blessings and prosperity.

Shodashi is known for guiding devotees towards increased consciousness. Chanting her mantra encourages spiritual awakening, encouraging self-realization and alignment With all the divine. This gain deepens interior peace and wisdom, producing devotees extra attuned for their spiritual plans.

अष्टमूर्तिमयीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥८॥

केवल आप ही वह महाज्ञानी हैं जो इस सम्बन्ध में मुझे पूर्ण ज्ञान दे सकते है।’ षोडशी महाविद्या

She will be the one particular owning Severe attractiveness and possessing electrical power of delighting the senses. Exciting intellectual and psychological admiration while in the a few worlds of Akash, Patal and Dharti.

कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —

ह्रीं‍श्रीर्मैं‍मन्त्ररूपा हरिहरविनुताऽगस्त्यपत्नीप्रदिष्टा

या देवी हंसरूपा भवभयहरणं साधकानां विधत्ते

लक्ष्या या चक्रराजे नवपुरलसिते योगिनीवृन्दगुप्ते

लक्ष्मी-वाग-गजादिभिः कर-लसत्-पाशासि-घण्टादिभिः

यस्याः शक्तिप्ररोहादविरलममृतं विन्दते योगिवृन्दं

The Goddess's victories are celebrated as symbols of the final word triumph of fine above evil, reinforcing the ethical more info cloth of your universe.

श्रीमत्सिंहासनेशी प्रदिशतु विपुलां कीर्तिमानन्दरूपा ॥१६॥

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